How to invest
Invest like a CROW
एक बार की बात है एक कौवा बड़ा ही प्यासा था, पानी की तालाश में वह कौवा इधर उधर भटक रहा था लेकिन उसे कही भी पानी का कोई स्रोत नहीं दिखाई दिया। बहुत देर इधर उधर घूमने के बाद थक हारकर कौवा एक पेड़ की डाल पर बैठा।
पेड़ से कुछ ही दूरी पर एक खेत था जहां पर एक घड़ा रखा हुआ था, कौआ अंदर ही अंदर काफी खुश हो गया और जल्दी से घड़े के पास जा पंहुचा। लेकिन जैसे ही कौवे ने घड़े में पानी पीनी के लिए अपना चोंच डाला उसकी ख़ुशी झट से गम में बदल गयी, घड़े में पानी बहुत ही कम था जिस वजह से कौए की चोंच पानी तक नहीं पहुंच पा रही थी।पानी को देखकर कौए की प्यास और बढ़ती ही जा रही थी लेकिन वह करे तो क्या करे, इधर उधर देखने के बाद कौए को एक उपाय सुझा। उसने देखा की खेत के बगल में काफी कंकर पत्थर पड़े है। फिर क्या था कौए ने एक एक करके पत्थर को घड़े में डालना शुरू कर दिया, जैसे जैसे कंकर घड़े में भरता गया पानी ऊपर आता गया। जैसे ही पानी कौए के चोंच की पहुंच तक आया उसने झट से पानी पिया और अपना प्यास बुझाया।
सीख: प्यासे कौए की इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है की कई बार हमें अपने समस्याओं का हल चतुराई से ढूँढना पड़ता है, भले ही हमें कोई सरल हल नहीं दिख रहा होता है लेकिन अगर हम अपनी चतुराई दिखाए तो हमें अवश्य कोई हल मिल जाता है।
जिस तरह कौवे ने अपनी चतुराई पूर्वक अपनी प्यास बुझाई ठीक उसी तरह एक आम
आदमी अपनी रोजमर्रा की बचत को थोड़ा थोड़ा निवेश करके अपनी आर्थिक जरूरतों
की प्यास बुझा सकता है। इसके लिए आवश्यक है की बचत की राशि को उचित स्रोत में
निवेश किया जाये जहां पर आय और जोखिम का सामजंस्य बना रहे। ऐसे ही निवेश के
स्रोतो के चुनाव एवं उन्हें विस्तारपूर्वक जानने के लिए आइये NIVESHCROW.inपर।
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